Saturday, August 20, 2011

Ugly Display of Casteism in Anna's Anti-corruption Movement (See pictures)

Isn’t this frenzy to have a supra-constitutional Lokpal, elected by seven enlightened elites, unaccountable to anybody and capable of intercepting our telephone/internet/awarding life imprisonment for corruption a reflection of our middle classes’ rightwing common sense, where many would have loved having military rule after independence to discipline the nation. Many still fondly remember emergency as trains ran on time.

Our constitution, parliament and democracy have become too noisy for the upper-caste elite who have to listen to uncomfortable voices there which were absent for centuries. No glorification of parliamentary democracy here, but Lokpal-cracy is definitely a step backwards.

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अन्ना एक अफवाह है.

हमारी कमजोरी यह है कि हम उसमें अपने सपनों की क्रान्ति प्रोजेक्ट कर रहे हैं, भले ही अन्ना खुद वैसा ना बोल रहे हों ! अन्ना की ताकत यह है कि उनसे किसी इंटरव्यू में ग्रीनहंट, रिजर्वेशन, अर्थनीति, विदेशनीति पर सीधे सवाल नहीं पूछे गए, जबकि राजनेताओं को यह आज़ादी नहीं होती. अन्ना की मजबूती यह है कि उनका कोई इतिहास नहीं है इसलिए वे जब चाहें खुद को गांधी से जोड़ लें जब चाहें शिवाजी से.

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अन्ना के आयोजकों की उनको सख्त ताकीद होगी कि वे कम से कम और धीमें से धीमे बोलें. ताकि हम अन्ना में वही सुनें जो हम सुनना चाहते हैं, और अन्ना हमें अपने ही दिल की आवाज़ लगें.
अन्ना को हिदायत होगी कि वे लोकपाल के अलावा दूसरे मुद्दों पर तो बिलकुल नहीं बोलें.

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तसवीरें और उनके कैप्शन दिलीप मंडल जी से साभार

सब मुफ्त, रहना खाना। आजादी की लड़ाई चल रही है..
जन सैलाब है यह। मीडिया ने कहा है। तीन चौथाई मैदान में कीचड़ और पानी है।

ढंढिए,किधर है राष्ट्रीय आंदोलन।

फ्रूटी बाटने की तैयारी। माले मुफ्त।


तस्वीर बोलती है। हम चुप रहेंगे।

मनु सुना था कि मर गया है। अण्णा के मजमे में जिंदा है।

पोज दे रहे हैं श्रीमान। आंखों में संविधान को मिटाने का ख्वाब है।


रोशनी कम है। लेकिन लगभग 50 टीवी कैमरे लाइन से लगे हैं। नजर भीड़ पर है। पीछे खाली मैदान में क्या रखा है

यह ऊंचा उठा हुआ कैमरा एक बार पीछे घूम जाए, तो पोल खुल जाएगी इस राष्ट्रीय जन सैलाब की।

दूसरी मांग में संजय गांधी की आत्मा है और तीसरे में मनु महाराज की। पैकेज डील है।

आज बस इतना ही। देखते रहिए। आगे भी कैमरा बोलेगा।

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